Saturday, November 20, 2021

*****अष्ट लक्ष्मी स्तोत्र |***** Ashta Lakshmi Stotram in Hindi

                  *****अष्ट लक्ष्मी स्तोत्र  |*****       

 

    DHANALAKSHMI MATA

॥ आदिलक्ष्मी ॥

सुमनसवन्दित सुन्दरि माधवि चन्द्र सहोदरि हेममये ।

मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायिनि मञ्जुळभाषिणि वेदनुते ॥

पङ्कजवासिनि देवसुपूजित सद्गुणवर्षिणि शान्तियुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि आदिलक्ष्मि सदा पालय माम् ॥ १॥

॥ धान्यलक्ष्मी ॥

अहिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि वैदिकरूपिणि वेदमये ।

क्षीरसमुद्भव मङ्गलरूपिणि मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते ॥

मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि देवगणाश्रित पादयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि धान्यलक्ष्मि सदा पालय माम् ॥ २॥

॥ धैर्यलक्ष्मी ॥

जयवरवर्णिनि वैष्णवि भार्गवि मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये ।

सुरगणपूजित शीघ्रफलप्रद ज्ञानविकासिनि शास्त्रनुते ॥

भवभयहारिणि पापविमोचनि साधुजनाश्रित पादयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि धैर्यलक्ष्मि सदा पालय माम् ॥ ३॥

॥ गजलक्ष्मी ॥

जयजय दुर्गतिनाशिनि कामिनि सर्वफलप्रद शास्त्रमये ।

रथगज तुरगपदादि समावृत परिजनमण्डित लोकनुते ॥

हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित तापनिवारिणि पादयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि गजलक्ष्मि रूपेण पालय माम् ॥ ४॥

॥ सन्तानलक्ष्मी ॥

अहिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि रागविवर्धिनि ज्ञानमये ।

गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि स्वरसप्त भूषित गाननुते ॥

सकल सुरासुर देवमुनीश्वर मानववन्दित पादयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि सन्तानलक्ष्मि त्वं पालय माम् ॥ ५॥

॥ विजयलक्ष्मी ॥

जय कमलासनि सद्गतिदायिनि ज्ञानविकासिनि गानमये ।

अनुदिनमर्चित कुङ्कुमधूसर- भूषित वासित वाद्यनुते ॥

कनकधरास्तुति वैभव वन्दित शङ्कर देशिक मान्य पदे ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि विजयलक्ष्मि सदा पालय माम् ॥ ६॥

॥ विद्यालक्ष्मी ॥

प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि शोकविनाशिनि रत्नमये ।

मणिमयभूषित कर्णविभूषण शान्तिसमावृत हास्यमुखे ॥

नवनिधिदायिनि कलिमलहारिणि कामित फलप्रद हस्तयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि विद्यालक्ष्मि सदा पालय माम् ॥७॥

॥ धनलक्ष्मी ॥

धिमिधिमि धिंधिमि धिंधिमि धिंधिमि दुन्दुभि नाद सुपूर्णमये ।

घुमघुम घुंघुम घुंघुम घुंघुम शङ्खनिनाद सुवाद्यनुते ॥

वेदपुराणेतिहास सुपूजित वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते ।

जयजय हे मधुसूदन कामिनि धनलक्ष्मि रूपेण पालय माम् ॥ ८॥


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